शिव उपासना से कामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग पूजा बहुत ही शुभ मानी गई है। खासतौर पर सोमवार के दिन पार्थिव शिवलिंग पूजा मनचाहे सुख देने वाली मानी गई है। जानते हैं पार्थिव शिवलिंग पूजा की सरल विधि -
- सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन किसी पवित्र जगह की मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाए। शमी या पीपल के पेड़ की जड़ की मिट्टी या गंगा नदी की मिट्टी बहुत ही पवित्र मानी जाती है।
- ऊँ शूलपाणये नम: यह मंत्र बोलकर शिवलिंग की प्रतिष्ठा करें।
- भगवान शिव का ध्यान कर पूजन शुरु करें। विशेष मंत्र न याद हो तो नाम मंत्र बोलकर ही पूजा करें।
- ॐ शिवाय नम:। ॐ महेश्वराय नम:। ॐ शम्भवे नम: यह मंत्र बोलकर पाद्य, अर्घ्य और आचमन करें।
- पार्थिव शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं।
- पंचामृत स्नान के बाद नीचे लिखे सरल मंत्रों से पूजा सामग्री अर्पित कर पूजा करें -
- ॐ ज्येष्ठाय नम:। वस्त्र अर्पित करें।
- ॐ रुद्राय नम:। जनेऊ अर्पित करें।
- ॐ कपर्दिने नम:। फिर से आचमन करें।
- ॐ कालाय नम:। गंध अर्पित करें।
- ॐ कलविकरणाय नम:। अक्षत चढ़ाए।
- ॐ बल विकरणाय नम:। बिल्वपत्र, धतुरा समर्पित करें।
- ॐ बलाय नम:। धूप लगाएं।
- ॐ बल प्रमथनाय नम:। दीप प्रज्जवलित करें।
- ॐ नीलकंठाय नम:। नैवेद्यं लगाएं।
- ॐ भवाय नम:। मौसमी फल चढ़ाएं।
- ॐ मनोन्मनाय नम:। आचमन करें।
- ॐ शम्भवे नम:। सुपारी चढाएं।
- ॐ शिव प्रियाय नम:। दक्षिणा अर्पित करें।
- ॐ शम्भवे नम:। नमस्कार करें।
- ॐ पार्थिवेश्वराय नम: बोलकर पुष्प अर्पित कर क्षमा मांग कामनापूर्ति की प्रार्थना करें।
पूजा के दौरान पार्थिव शिवलिंग की पत्र-फूलों से ढंककर पूजा करें। जिससे लिंग की मिट्टी का क्षरण नहीं होता है।
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