Saturday, August 4, 2018

सुबह बोलें यह शिव मंत्र, तो मिलेगी उम्मीदों से ज्यादा सफलता

सफलता के लिए, वक्त, साधन व धन के सही उपयोग के साथ इच्छाशक्ति और मनोबल का सकारात्मक होना भी निर्णायक होता है। धार्मिक उपायों की बात करें तो भगवान शिव की भक्ति न केवल मन को ऊर्जावान, मजबूत बनाने वाली होती है बल्कि संकल्प को पूरा करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने वाली भी मानी गई है। 

शिव चरित्र, जीवन में छुपे वैभव, वैराग्य व संहार के साथ कल्याण का भाव जीवन के यथार्थ से जोड़कर रखने की सीख देता है। 

ऐसे ही कल्याणकारी देवता भगवान शिव की पूजा के लिए शास्त्रों में बताए एक विशेष मंत्र का स्मरण हर रोज सुबह खासतौर पर सोमवार या शिव तिथियों जैसे अष्टमी आदि पर किया जाए तो इसके प्रभाव से भरपूर मानसिक शक्ति मिलने के साथ जीवन तनाव, दबाव व परेशानियों से मुक्त रहता है और उम्मीदों से भी ज्यादा सफलता मिलती है। 


जानिए यह विशेष शिव मंत्र -

- सुबह शिवलिंग या शिव की मूर्ति का पवित्र जल स्नान कराकर चंदन, अक्षत व बिल्वपत्र अर्पित करें। धूप व दीप लगाकर नीचे लिखे शिव मंत्र का ध्यान करें - 

शान्ताकारं शिखरशयनं नीलकण्ठं सुरेशं। 

विश्वाधारं स्फटिकसदृशं शुभ्रवर्णं शुभाङ्गम्।।

गौरीकान्तं त्रितयनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।

वन्दे शम्भुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।

इन मंत्रों से करें पार्थिव शिवलिंग की पूजा

शिव उपासना से कामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग पूजा बहुत ही शुभ मानी गई है। खासतौर पर सोमवार के दिन पार्थिव शिवलिंग पूजा मनचाहे सुख देने वाली मानी गई है। जानते हैं पार्थिव शिवलिंग पूजा की सरल विधि -


- सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन किसी पवित्र जगह की मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाए। शमी या पीपल के पेड़ की जड़ की मिट्टी या गंगा नदी  की मिट्टी बहुत ही पवित्र मानी जाती है।

- ऊँ शूलपाणये नम: यह मंत्र बोलकर शिवलिंग की प्रतिष्ठा करें।

- भगवान शिव का ध्यान कर पूजन शुरु करें। विशेष मंत्र न याद हो तो नाम मंत्र बोलकर ही पूजा करें।

- ॐ शिवाय नम:। ॐ महेश्वराय नम:। ॐ शम्भवे नम: यह मंत्र बोलकर पाद्य, अर्घ्य और आचमन करें।

- पार्थिव शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं।

- पंचामृत स्नान के बाद नीचे लिखे सरल मंत्रों से पूजा सामग्री अर्पित कर पूजा करें -

- ॐ ज्येष्ठाय नम:। वस्त्र अर्पित करें।

- ॐ रुद्राय नम:। जनेऊ अर्पित करें।

- ॐ कपर्दिने नम:। फिर से आचमन करें।

- ॐ कालाय नम:। गंध अर्पित करें।

- ॐ कलविकरणाय नम:। अक्षत चढ़ाए।

- ॐ बल विकरणाय नम:। बिल्वपत्र, धतुरा समर्पित करें।

- ॐ बलाय नम:। धूप लगाएं।

- ॐ बल प्रमथनाय नम:। दीप प्रज्जवलित करें।

- ॐ नीलकंठाय नम:। नैवेद्यं लगाएं।

- ॐ भवाय नम:। मौसमी फल चढ़ाएं।

- ॐ मनोन्मनाय नम:। आचमन करें।

- ॐ शम्भवे नम:। सुपारी चढाएं।

- ॐ शिव प्रियाय नम:। दक्षिणा अर्पित करें।

- ॐ शम्भवे नम:। नमस्कार करें।

- ॐ पार्थिवेश्वराय नम: बोलकर पुष्प अर्पित कर क्षमा मांग कामनापूर्ति की प्रार्थना करें।

पूजा के दौरान पार्थिव शिवलिंग की पत्र-फूलों से ढंककर पूजा करें। जिससे लिंग की मिट्टी का क्षरण नहीं होता है।